
रायगढ़, 30 अगस्त 2025
माननीय सरकार, सुन लीजिए! रायगढ़ की सड़कों पर एनएचएम कर्मचारियों की तिरंगा बाइक यात्रा कोई जश्न नहीं, बल्कि 20 साल के शोषण और वादाखिलाफी का गुस्सा है। 500 से ज्यादा कर्मचारी सड़कों पर उतर आए हैं, नोटिस की प्रतियां जलाकर कह रहे हैं, “आश्वासन की खोखली बातें बंद, लिखित आदेश दिखाओ!” 29 साथियों की जान जा चुकी है, फिर भी सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही।
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हड़ताल मजबूरी है, शौक नहीं
एनएचएम कर्मचारी संघ, रायगढ़ का कहना है, “हम शौक से नहीं, मजबूरी में सड़क पर हैं।” सरकार दावा करती है कि 10 में से 5 मांगें पूरी हो गईं, लेकिन लिखित आदेश का नामोनिशान नहीं। कर्मचारियों का तंज है—“स्वास्थ्य मंत्री जी, अगर मांगें पूरी हैं, तो आदेश दिखाइए, या फिर झूठ का ढोल पीटना बंद कीजिए!” स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मंत्री को गुमराह कर रहे हैं, और जनता के सामने “मोदी की गारंटी” को कोरी बातें बनाकर पेश किया जा रहा है।
रायगढ़ में उबाल, आंदोलन और तेज
शहीद विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में शुरू हुआ यह आंदोलन अब और उग्र होने जा रहा है। कर्मचारियों ने खून से पत्र लिखे, पीपीई किट पहनकर सड़कों पर झाड़ू लगाई, और अब तिरंगा बाइक यात्रा निकालकर सरकार को चेतावनी दी है। “संवैधानिक तरीके से मांग रखना गुनाह नहीं!” जनता से माफी मांगते हुए कर्मचारियों ने कहा, “हमारी मजबूरी समझें, सरकार की वादाखिलाफी ने हमें सड़क पर ला खड़ा किया।”
रायगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप
हड़ताल के चलते रायगढ़ के शासकीय अस्पतालों में ताले लटक गए हैं। मरीज दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों से लेकर शहर तक भटक रहे हैं। जीवन दीप समिति के कर्मचारियों पर अनुचित दबाव डाला जा रहा है, जबकि उनके पास न प्रशिक्षण है, न संसाधन। अस्पतालों में सूचना बोर्ड लगे हैं, मरीजों से असुविधा के लिए खेद जताया जा रहा है, लेकिन कर्मचारी सवाल उठाते हैं—“जिम्मेदारी किसकी? हमारी, जो हक मांग रहे हैं, या सरकार की, जो वादे तोड़ रही है?”
कर्मचारियों के सवाल, सरकार के पास जवाब नहीं
- चिकित्सा अवकाश: एक महीने के अवकाश का वादा, पर मिशन संचालक ने इसे गंभीर बीमारी तक सीमित कर दिया। जिला स्तर पर स्वीकृति क्यों नहीं? समय-सीमा क्या है?
- टर्मिनेशन: बिना जांच के कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। पिछले साल कितनों को बिना सुनवाई हटाया? जांच की समय-सीमा बताओ!
- स्थानांतरण नीति: मनमाना स्थानांतरण, रिक्त पदों की सूची गायब। पारदर्शी नीति कब?
- कैशलेस मेडिकल: 10 लाख की मांग, 5 लाख का ढोंग। वेलफेयर फंड में लेप्स राशि कितनी? 10 लाख की नीति कब?
- ग्रेड पे: ग्रेड पे पर कोई नीति नहीं। प्रक्रिया क्या है? लिखित आदेश कब?
10 सूत्रीय मांगें, रायगढ़ की पुकार
- नियमितीकरण/स्थायीकरण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड पे निर्धारण
- लंबित 27% वेतन वृद्धि
- कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता
- नियमित भर्ती में आरक्षण
- अनुकम्पा नियुक्ति
- मेडिकल एवं अन्य अवकाश
- पारदर्शी स्थानांतरण नीति
- 10 लाख का कैशलेस बीमा
20 साल का दर्द, अब और नहीं
20 साल से रायगढ़ के एनएचएम कर्मचारी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड में जान जोखिम में डालकर सेवा की, लेकिन बदले में न नियमितीकरण मिला, न सम्मान। 6,239 स्वास्थ्य संस्थाएं प्रभावित हैं, मरीज परेशान हैं, फिर भी सरकार मौन है। कर्मचारी कहते हैं, “20 साल का शोषण बर्दाश्त नहीं, अब लिखित आदेश चाहिए, वरना आंदोलन जारी रहेगा!”
जनता का साथ, सरकार की चेतावनी
रायगढ़ की जनता कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। लोग कह रहे हैं, “ये कर्मचारी हमारे लिए लड़े, अब हम उनके साथ हैं।” सरकार को चेतावनी है—“वादों के गुब्बारे फोड़ दो, लिखित आदेश लाओ, वरना रायगढ़ का यह आंदोलन पूरे छत्तीसगढ़ में आग बनकर फैलेगा!”
